Add To collaction

लेखनी प्रतियोगिता -03-Jan-2023 कल्पना

जब सुबह उठूँ उदासी से भरी

और धूमिल सी हो उम्मीद कोई
तुम बनकर किरण पहली- पहली
मेरे आँगन में आ करके 
तुम इन सूनी आँखों में मेरी 
इक उम्मीद की किरण जगा जाना...ll

जब दर्द का दरिया बड़ जाएं
और लबों से सरगम छिन जाए
तुम बनकर साज़ नग़मों का
मेरे होठों पर थिरक जाना....ll

जब काली लंबी रातों में
सपने पलकों में ना आए
और तन्हाई मुझको तड़पाए
उस वक्त कोई सुंदर सा सपना
मेरी इन आँखों को दे जाना..... ll

जब सभी लगे अनजाने से
हर तरफ़ लगे विराना- सा
और खुशियाँ भी रूठ जाए
तब बनकर दोस्त कोई प्यारा
मेरा हाथ थामने आ जाना.... ll

मधु गुप्ता.... 

   10
10 Comments

Gunjan Kamal

05-Jan-2023 09:13 PM

शानदार प्रस्तुति 👌🙏🏻

Reply

Abhilasha deshpande

04-Jan-2023 07:03 PM

Nice

Reply

Thank you....

Reply

Sachin dev

04-Jan-2023 04:27 PM

Bahut khoob

Reply

Thank you .....

Reply